मेरी नज़र से देखो...गर सहज़ लगती हैस्त्री की जिंदगी तोमेरी नजर से देखोसब कुछ होते हुए भीमोहताज हैदिनभर काम करते हुए भीबेकार हैअपना सब कुछ देकर भीनिकम्मी और लाचार हैकहते है बराबर का सम्मान हैपर घड़ी-घड़ी नज़रों की शिकार हैकौन कहता है समय बदल गया हैआप ये बताओ ...दहेज देने का चलन खत्म हो गया हैसब नज़रों का भ्रम हैक्योंकि...
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25
Dec
रचनाकार परिचय:-
रचना सागर का जन्म 25 दिसम्बर 1982 को बिहार के छ्परा नामक छोटे से कस्बे के एक छोटे से व्यवसायिक परिवार मे हुआ। इनकी शिक्षा-दीक्षा भी वहीं हुई। आरंभ से ही इन्हे साहित्य मे रूचि थी। आप अंतर्जाल पर विशेष रूप से बाल साहित्य सृजन में सक्रिय हैं।
आया है क्रिसमस, हम सब मनाएं क्रिसम [बाल कविता]- रचना...
रचनाकार परिचय:-
रचना सागर का जन्म 25 दिसम्बर 1982 को बिहार के छ्परा नामक छोटे से कस्बे के एक छोटे से व्यवसायिक परिवार मे हुआ। इनकी शिक्षा-दीक्षा भी वहीं हुई। आरंभ से ही इन्हे साहित्य मे रूचि थी। आप अंतर्जाल पर विशेष रूप से बाल साहित्य सृजन में सक्रिय हैं।
क्या औरत कभी कामयाब हो पाती है...? [कविता]-...