मेरे बेटे की मांग पर यह कविता उस वीर के नाम जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए अंग्रेजों में एक ख़ौफ़ पैदा कर आजादी की लड़ाई में एक जान फूंक दी। .... पेश है मेरी नई कविता "चंद्रशेखर बनूंगा मैं "
चंद्रशेखर बनूंगा मैं [बाल कविता]: रचना सागर
माँ मुझ को गुलेल दिला दो
चंद्रशेखर बनूंगा मैं।
सत्य राह पर चलूंगा मैं
सबसे आगे रहूँगा मैं।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
यह अपने है भाई- भाई ।
माँ मुझ को गुलेल दिला दो
चंद्रशेखर बनूंगा मैं।
भगत सिंह ,सुखदेव, राजगुरु
यह थे कल के आजाद सिपाही।
आज का सैनिक बनूंगा मैं
भारत माँ की सेवा करुंगा मैं ।
माँ मुझ को गुलेल दिला दो
चंद्रशेखर बनूंगा मैं।
चंद्रशेखर बनूंगा मैं।
सत्य राह पर चलूंगा मैं
सबसे आगे रहूँगा मैं।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
यह अपने है भाई- भाई ।
माँ मुझ को गुलेल दिला दो
चंद्रशेखर बनूंगा मैं।
भगत सिंह ,सुखदेव, राजगुरु
यह थे कल के आजाद सिपाही।
आज का सैनिक बनूंगा मैं
भारत माँ की सेवा करुंगा मैं ।
माँ मुझ को गुलेल दिला दो
चंद्रशेखर बनूंगा मैं।