साल की शुरूआत का पहला त्योहार है.... इसको बड़े बूढ़ो के आशीर्वाद के साथ..... नए फसल होने की खुशी मे मनाया जाता है...... पेश है मेरी नई कविता लोहड़ी आई बधाइयां छाई
लोहड़ी आई बधाइयां छाई [बाल कविता]: रचना सागर
लोहड़ी आई बधाइयां छाई
चारों ओर से गुड़ और तिल की खुशबू आई
साथ मूंगफली और गजक के महफिल में रौनक आई
जब साथ मिल बैठे सब भाई भाई
इस मीठे की महक से बच्चों के चेहरे पर मुस्कान खिल खिलाई
देखकर इनकी मासूमियत गुरुओं की गुरुवाणी याद आई
तुम जितने भी बड़े हो जाओ
पर त्योहार का मजा तो बच्चा बन के उठाओ
झूमो नाचो कि सारा गम भूलाओ
वो सब कुछ अच्छा करता है
यह खुद को विश्वास दिलाओ
हैप्पी लोहड़ी .......
साथ मूंगफली और गजक के महफिल में रौनक आई
जब साथ मिल बैठे सब भाई भाई
इस मीठे की महक से बच्चों के चेहरे पर मुस्कान खिल खिलाई
देखकर इनकी मासूमियत गुरुओं की गुरुवाणी याद आई
तुम जितने भी बड़े हो जाओ
पर त्योहार का मजा तो बच्चा बन के उठाओ
झूमो नाचो कि सारा गम भूलाओ
वो सब कुछ अच्छा करता है
यह खुद को विश्वास दिलाओ
हैप्पी लोहड़ी .......