रचनाकार परिचय:-
नव वर्ष का सवेरा 2021 [बाल कविता]- रचना सागर
रचना सागर का जन्म 25 दिसम्बर 1982 को बिहार के छ्परा नामक छोटे से कस्बे के एक छोटे से व्यवसायिक परिवार मे हुआ। इनकी शिक्षा-दीक्षा भी वहीं हुई। आरंभ से ही इन्हे साहित्य मे रूचि थी। आप अंतर्जाल पर विशेष रूप से बाल साहित्य सृजन में सक्रिय हैं।
इस बार
प्रण करें और श्रम करें
जीवन में न कोई भ्रम रहे
रूके ना और कर्म करें
सुने तो सबकी
पर इस बार कर जाएं मन की
सत्य झूठ को दूसरे से पहले
स्वयं को बताएं
रिश्ते निभाए दिल से
रिश्तों में मिठास लाएं
कुछ भी ना छुपाए
पीछे कहने से अच्छा
सामने से आकर बताएं
महापुरुषों की संतान हैं हम
तुच्छ कार्य हमें शोभा नहीं देते
बेकार की बातों मे हम उलझा नही करते
2020 वर्ष आया
बहुत कुछ पाया, न जाने क्या-क्या खोया.....
जाना अकेले जीवन नहीं है
अपनों के प्यार में जिंदगी के रंग हैं
कुछ उलझने आई , हौले से सबक सिखाई है
यह वक्त भी बीत गया है
स्वयं को बताएं
रिश्ते निभाए दिल से
रिश्तों में मिठास लाएं
कुछ भी ना छुपाए
पीछे कहने से अच्छा
सामने से आकर बताएं
महापुरुषों की संतान हैं हम
तुच्छ कार्य हमें शोभा नहीं देते
बेकार की बातों मे हम उलझा नही करते
2020 वर्ष आया
बहुत कुछ पाया, न जाने क्या-क्या खोया.....
जाना अकेले जीवन नहीं है
अपनों के प्यार में जिंदगी के रंग हैं
कुछ उलझने आई , हौले से सबक सिखाई है
यह वक्त भी बीत गया है
नव वर्ष 2021 का सवेरा द्वार पर आया है
प्रभु का धन्यवाद कर ,अपने कार्य का आगाज़ कर
सोच में सकारात्मकता लाकर , विजय का बिगुल बजा कर
माथे पर तिलक लगाकर, मंदिर में शीश झुका कर
नए वर्ष का आरंभ कर ,तनिक भी ना विलंब कर
शुरुआत कर ....कल नहीं ....आज कर
नव वर्ष 2021 का सवेरा द्वार पर आया है
प्रभु का धन्यवाद कर.... अपने काम का आरंभ कर
बड़ों का सदा सम्मान कर ,प्यार कर
नूतन वर्ष पर दूसरों से उम्मीद लगाने से पहले
अपने अंदर विश्वास का दंभ भर
आरंभ कर........
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