मेरे सपनों का भारत [बाल कविता]: रचना सागर
मेरे भारत में ना कोई भुखमरी से मरे
हर जवान काम मेहनत से करें
ना किसी हिंदुस्तानी का मन बिके
यहाँ सभी अच्छे गुण ही सीखेँ
यहां पर ना हो भ्रष्टाचार का नामोनिशान
प्रगति का पथ सीखें.... यहां पर हर इंसान
हर सैनिक करें दुश्मनों को लहूलुहानन
न करें अपनी जान कुर्बान
गरीबी व अशिक्षा से मिलें इसे छुटकारा
चमके हर बालक बन एक सितारा
यहाँ कभी ना बैठे कोई युवक बेकार
यहाँ पर हो नौकरियों की भरमार
मेरा भारत बन जाए पृथ्वी का गहना
इसकी उन्नति का क्या कहना
बढ़ती रहेंगी इस तिरंगे की शान
सारे जग से प्यारा मेरा हिंदुस्तान
हर जवान काम मेहनत से करें
ना किसी हिंदुस्तानी का मन बिके
यहाँ सभी अच्छे गुण ही सीखेँ
यहां पर ना हो भ्रष्टाचार का नामोनिशान
प्रगति का पथ सीखें.... यहां पर हर इंसान
हर सैनिक करें दुश्मनों को लहूलुहानन
न करें अपनी जान कुर्बान
गरीबी व अशिक्षा से मिलें इसे छुटकारा
चमके हर बालक बन एक सितारा
यहाँ कभी ना बैठे कोई युवक बेकार
यहाँ पर हो नौकरियों की भरमार
मेरा भारत बन जाए पृथ्वी का गहना
इसकी उन्नति का क्या कहना
बढ़ती रहेंगी इस तिरंगे की शान
सारे जग से प्यारा मेरा हिंदुस्तान
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