हमारे घर आंगन मे...हमारे रोजमर्रा के जीवन में पर्यावरण को बचाने मे सबसे बड़ा योगदान इन चिड़ियों का है ..इनके बिना हमारा जीवन परिवेश अधूरा है ..... पेश है मेरी नई कविता "मैंना "
पर्यावरण बचाती मैना [बाल कविता]: रचना सागर
रोज सवेरे आती मैना,
मेरे मन को भाती मैना,
बचा खुचा भोजन खाकर,
पर्यावरण बचाती मैना।
देखो तो कितनी सुंदर है,
भूरा पीला अनमोल रंग है,
शान से गर्दन ऊपर करती,
फिर मटक- मटक के चलती मैना ।
खुशी का राग सुनाती मैना,
रोज सवेरे आती मैना,
मेरे मन को भाती मैना ।
जिस घर आंगन बसती मैना,
प्यार की खुशबू फैलाती मैना ।
डाल डाल फिरती है मैना,
सबके चेहरे पर मुस्कान भरती मैना ।
रोज सवेरे आती मैना,
मेरे मन को भाती मैना ।
वातावरण खुशहाल बनाएं हम भी,
मैना जैसे बन, सब के मन को भाए हम भी ।
पर्यावरण बचाएं हम भी ।
मेरे मन को भाती मैना,
बचा खुचा भोजन खाकर,
पर्यावरण बचाती मैना।
देखो तो कितनी सुंदर है,
भूरा पीला अनमोल रंग है,
शान से गर्दन ऊपर करती,
फिर मटक- मटक के चलती मैना ।
खुशी का राग सुनाती मैना,
रोज सवेरे आती मैना,
मेरे मन को भाती मैना ।
जिस घर आंगन बसती मैना,
प्यार की खुशबू फैलाती मैना ।
डाल डाल फिरती है मैना,
सबके चेहरे पर मुस्कान भरती मैना ।
रोज सवेरे आती मैना,
मेरे मन को भाती मैना ।
वातावरण खुशहाल बनाएं हम भी,
मैना जैसे बन, सब के मन को भाए हम भी ।
पर्यावरण बचाएं हम भी ।
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