ये जाना
मेरी किस्मत भी मुझे
अजब मुंह चिढ़ाती है
पास दिखती- सी मंजिल को
ओझल-सी कर जाती है
मैंने सुना है
लोगों को
अक्सर, ये कहते
हर कामयाब पुरुष के
पीछे
औरत का साथ होता है
पर
मैंने ये जाना (अब तक)
हर कामयाब औरतों के
पीछे कोई पुरुष छिपा होता है
बहुत कम होते है वो लोग
जो समर्पण मे सच्चा विश्वास रखते हैं
नहीं तो
हर कोई यहां फायदा उठाने को बैठा है
आईना हर घर में है फिर भी
खुद से नजर चुराए बैठा हैं
मेरी किस्मत भी मुझे
अजब मुंह चिढ़ाती है
पास दिखती- सी मंजिल को
ओझल-सी कर जाती है
No comments:
Post a Comment