एक खामोशी भरा रिश्ता [कविता]: रचना सागर
रिश्ता है हमारे बीच दर्द का
जहाँ फुर्सत नहीं एक पल गँवाने का
मैंने हर पल तुम्हें जिया है
जिंदा रखा है अपने एहसासों में
अपनी हर सांसों में
तू खामोश रहता था
मुझसे दूर रहता था
मैं महसूस करती थी
मेरी तन्हाई को, तेरी सादगी को
तू जाने को चला गया
एक रिश्ता जोड़ गया
दर्द मैंने दिए थे तुझे
उस दर्द को मेरे लिए छोड़ गया
हर दर्द को पी जाऊँगी
हर ज़ख्म को सह जाऊंगी
तू खुश रहे हमेशा
यही कामना कर जाऊँगीी
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