हिमाचल की वादिया
अनगिनत चीज़े सीखी मैंने यहां
पाया अपनी उम्मीद से बढ़कर यहां
खट्टी मीठी यादों का बसेरा है दिल में
कई सारे रिश्तों को संजोया है दिल में
खेला कूदा किया मस्ती हजार
हर दिन मनाया जैसे नया त्यौहार
सरसरी हवाएं वो आँधी-तूफान
ये ऊँची वादियां ये गगन चुम्बी पहाड़
और इन गगन चुम्बी पहाड़ियों पर
झिलमिलाती -सी बत्तियां
आशा जगाती, जुनून भर जाती
अद्भुत, अविस्मरणीय, याद दे जाती
थोड़ी सी मुश्किल मुझे ये राह होगी
तेरी जो आदत, मुझे वो छोड़नी होगी ।