प्रिय शिक्षक [कविता]- रचना सागर
विद्या का सार बताया
पशु और मनुष्य का फर्क समझाया
असभ्य और सभ्यता का मान बताया
आत्मसम्मान और घमंड का तर्क दिया
मन में, घर में, विद्यालय में,
समाज में और पूरे विश्व से
अज्ञानता का अंधकार मिटा
ज्ञान का दीप जलाया
प्रिय शिक्षक ,
आपको करूँ कर जोड़ प्रणाम
आपका बहुत बहुत आभार
जो जीवन का...
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