मैने देखा था।



मैंने देखा था
आपको रोते हुए
आँखें नम न थी आपकी
सिसकियाँ भी नहीं
फिर भी जैसे टूटा था कुछ
दिल था क्या?
मैंने देखा था आपको रोते हुए
-रचना सागर
२७.०८.२००७

6 comments:

Shastri JC Philip said...

टूटता है दिल कई तरीके से,
कई कारणों से.
कहे जा सकते हैं कई कारण
इन में से,
नही शब्द मिल पाते कई
और के लिये.
विडंबना यह कि
छोड जाते हैं साथ आंसू भी ,
मौकों पर ऐसे !

-- शास्त्री जे सी फिलिप

मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार !!

Anonymous said...

Rachan ji


App ki Poems wakai lajawab hain , dil ki gaharai se likhe gayi malum hoti hain

regards
Chandan Singh
9875007311

Anonymous said...

दिल के टूटने का एहसास क्या है एक प्यार की राह का मुसाफिर ही जान सकता है और आपने कुछ एसा लिखा है की जेसे किसी ने आपने प्रीतम के दिल के सारी गेहेरायी नाप ली हो, बहुत बहुत सुंदर......... सामने बेधे प्रीतम की आंखे पड़ ली हो तो बुल्कुल एसा हे फील होगा.......... आपकी एक उत्तम कविता....... बहुत बहुत धन्यवाद रचनाजी.......

Aryan Raj said...

hello Rachna jee....

Apki Jitni tareef ki jaye wo kaam hai according to me...one by one superb collections....heart touching memory....

Puru said...

Rachna

Nice thought really helps to understand the life moto.

keep writing

PURU

RAVI PUROHIT said...

अनुभूती का सुन्दर विस्तार कही-अनकही का व्यापक फलक तैयार करता है !बधाई !
रवि पुरोहित