गम तो सभी देते है
गम मे साथ कम देते है
कितनी सच्चाई थी इस ख्वाब मे
रब के बताने मे और अपके चले जाने मे
हर ख्वाब की तबीर सच नही होती
सच होती है तकदीर
हर मोहब्बत सच नही होती
सब्र वह जाम है जिसे पीना है मुश्किल
किये बगैर सब्र जीना है मुश्किल
हर डाल पे खिले फूल जरूरी तो नही
हर राह मे मिले आप जरूरी तो नही
शायरी करना एक आदत सी बन गयी है
ज़िन्दगी एक शिकायत सी बन गयी है
किसी ने कहा था शायरी मत करना
किसी की चाहत मे तुम हद को पार नही करना
हर चीज की एक हद होती है
हद के आगे मोह्ह्ब्ब्त होती है
कागज पे लिखे हर बात मे सच्चाई है
कहते है लोग प्यार मे बेवाफई है
मेरी खुशी अधुरी है आपके बगैर
हर मंजिल अधुरी है आपके बगैर
हम जिनसे बात करने को तरसते है
वो हमे कभी याद भी नही करते है
तेरी रहमत के बगैर मेरे पास कोई चारा नही
और मेरी दुनिया मे कोई सहारा नही
कोई मजबूर होता है कोई मह्बूब होता है
किसी की आँखे रोती है किसी का दिल रोता है
कभी अच्छे कभी बुरे कभी भले से लगते है
वही तो है जो कुछ अपने से लगते है
किसी से पूछे बगैर किसी का इन्तज़ार मत करना
करो ऐतबार मगर हर किसी से प्यार मत करना
किस किस ने मुझे बदनाम किया
हर किसी ने एक नया नाम दिया
जमाने के सामने हसना है जरूरी
दिल मे गम है फिर भी होठो पे हँसी है जरूरी
दर्द से निजात मिल जाये हम यह दुआ करते है
खुदा के नाम पे वफात (मौत) पाये हम ये दुआ करते है
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4 comments:
सुंदर अति सुंदर । अच्छी शायरी ।
तारीफ की खातिर लफ़ज कम पड़ रहे हैं........ज़ालिम
गम तो सभी देते है
गम मे साथ कम देते है
हर चीज की एक हद होती है
हद के आगे मोह्ह्ब्ब्त होती है
कोई मजबूर होता है कोई मह्बूब होता है
किसी की आँखे रोती है किसी का दिल रोता है
कभी अच्छे कभी बुरे कभी भले से लगते है
वही तो है जो कुछ अपने से लगते है
बहुत अच्छी शायरी है।
-रितु रंजन
behut sunder shaayari hai.. jehaan aapki kavitaaye ek sanjida aur positive kavi ko pesh kerti hai wehin aapke sher aapke ander ke kuch gumo ko behut sunder dhung se pesh kerete hai.
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