मैंने देखा थाआपको रोते हुएआँखें नम न थी आपकीसिसकियाँ भी नहींफिर भी जैसे टूटा था कुछदिल था क्या?मैंने देखा था आपको रोते हुए-रचना सागर २७.०८.२००७ Read more »