उनके बिना



जीने की चाहत किसे है
यूं ही जी ली ज़िन्दगी
खुशी मिली, कह दिया हाय
गम आय, उन्हें भी हाय
उनके बिना जीना क्या
मरना भी बेकार लगे
भूख, प्यास, धूप, छाँव
सब एक समान लगे

- रचना सागर
29.07.2007